हिंदी साहित्य के कवियों के नाम Hindi Sahitya ke kaviyon ke Naam

हिंदी साहित्य के कवियों के नाम

हिंदी साहित्य के कवियों के नाम Hindi Sahitya ke kaviyon ke Naam 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख हिंदी साहित्य के कवियों के नाम (Hindi Sahitya ke kaviyon ke Naam) में।

दोस्तों आप यहाँ पर हिंदी साहित्य के कवियों के नाम और उनका छोटा सा परिचय जान पायेंगे। तो आइये दोस्तों शुरू करते है यह लेख हिंदी साहित्य के कवियों के नाम:-

डॉ बीआर अम्बेडकर जयंती

हिंदी साहित्य के कवियों के नाम Hindi Sahitya ke kaviyon ke Naam

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 

आधुनिक हिंदी के जन्मदाता भारतेन्दु हरिश्चंद्र का जन्म भारत देश के राज्य उत्तर प्रदेश के काशी जनपद में 9 सितंबर 1850 को एक

वैश्य परिवार में हुआ था। भारतेंदु हरिश्चंद्र के पिता का नाम गोपालचंद्र और भारतेंदु हरिश्चंद्र की माता का नाम पार्वती देवी था।

माखनलाल चतुर्वेदी 

क्रांति के अमर गायक तथा भारत के युवाओं में वीरता और उत्साह का जोश भरने वाले माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले

के बाबई गाँव में 4 अप्रैल 1889 में हुआ था। माखनलाल चतुर्वेदी के पिता का नाम नंदलाल चतुर्वेदी था, जो एक अध्यापक थे। माखनलाल चतुर्वेदी की माता का नाम ग्यारसी देवी था, जो सीधी -साधी धार्मिक महिला थी।

डॉ रामकुमार वर्मा 

डॉ रामकुमार वर्मा का जन्म मध्य प्रदेश राज्य के सागर जिले के गोपालगंज गाँव में 15 सितंबर 1905 में हुआ था। रामकुमार वर्मा के पिता जी का नाम लक्ष्मी प्रसाद था जो एक उपजिलाधिकारी हुआ करते थे, तथा माता जी का नाम राजरानी देवी था।

मीराबाई 

भक्तवत्सल रचनाएँ लिखने वाली मीराबाई का जन्म राजस्थान में जोधपुर के मेड़ता के निकट चौकड़ी ग्राम में सन 1503 में हुआ था। मीराबाई के पिता का नाम राठौर रतन सिंह था। मीराबाई की माँ की मृत्यु हो जानें से

उनका पालन पोषण पितामह राव दूदा जी के संरक्षण में हुआ था। राव दूदा जी भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त थे और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करते रहते थे। मीराबाई का विवाह उदयपुर के महाराज भोजराज के साथ किया गया था, जो महाराणा सांगा के.पुत्र थे।

घनानंद 

घनानंद हिंदी साहित्य के रीतिकाल के प्रमुख कवि हैं जिन्हें रीतिमुक्त काव्य धारा के कवि के रूप में जाना जाता है। घनानंद का जन्म 1658 ईस्वी में हुआ था जबकि उनकी मृत्यु 1739 में हुई।

घनानंद और आनंदघन नाम के दो रचनाकार थे, जिनको पहले इतिहासकार एक ही मानते थे लेकिन आचार विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने यह सिद्ध कर दिया कि दोनों कवि अलग अलग हैं।

गजानन माधव मुक्तिबोध 

गजानन माधव मुक्तिबोध को नई कविता का सशक्त कवि के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 13 अक्टूबर 1917 को मुरैना जिला के श्योपुर में हुआ था।

गजानन माधव मुक्तिबोध के पूर्वज महाराष्ट्र से संबंध रखते हैं क्योंकि उनके परदादा जिनका नाम वासुदेव की था वह महाराष्ट्र से ग्वालियर के पास श्योपुर नगर में आकर बस गए थे।

गजानन माधव मुक्तिबोध के पिता का नाम माधवराव मुक्तिबोध था तथा उनकी माता जी का नाम पार्वती बाई था। पार्वतीबाई एक सरल साधारण तथा कृषक परिवार से संबंध रखती थी।

केशवदास 

रितिकालीन कवि केशवदास के जन्म के संबंध में अनेक विद्वानों के विभिन्न प्रकार के मत हैं, किंतु रामचंद्र शुक्ल कहते हैं, कि इनका जन्म 1555 तथा मृत्यु 1617 हो सकती है।

केशवदास का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के प्रसिद्ध नगर ओरछा में हुआ था, जो बेतवा नदी के किनारे स्थित है। ओरछा के महाराज रामसिंह के दरबार में उन्हें विशेष सम्मान प्राप्त था।

कविवर बिहारीलाल 

बिहारीलाल रीतिकाल के एक सम्मानित कवि हैं, जिन्होंने काव्य में श्रृंगार रस का अद्वितीय वर्णन किया है। ऐसे श्रृंगार रस के प्रेमी रीतिकाल के महान कवि बिहारी लाल का जन्म 1595 ईस्वी में गोविंदपुर नामक ग्राम में हुआ था।

उनके पिताजी का नाम केशव राय था, जो उन्हें ओरछा लेकर आ गए थे. इसलिए बिहारी लाल का बचपन बुंदेलखंड में ही बीता तथा उनका विवाह मथुरा में हुआ तो वे अपने ससुराल में ही आकर बस गए।

बिहारीलाल के गुरु का नाम बाबा नरहरिदास था। बाबा नरहरिदास ने ही बिहारी लाल का परिचय मुगल सम्राट जहांगीर से करवाया था। बिहारीलाल कुछ समय के लिए जयपुर में भी रहे थे।

दोस्तों यहाँ आपने हिंदी साहित्य के कवियों के नाम Hindi Sahitya ke kaviyon ke Naam और उनका परिचय पड़ा। आशा करता हुँ, यह लेख अच्छा लगा होगा।

इसे भी पढ़े:-

  1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ